अदानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों ने ऑफशोर फंड डिस्क्लोजर रूल्स और निवेश सीमा का उल्लंघन किया है
अगर वे इस तरह का कोई कारोबार करते हैं या इसमें लिप्त पाए जाते हैं तो यह नियमों का उल्लंघन है और इसके चलते सख्त कार्रवाई हो सकती है.
7 सितंबर को सेबी का सर्कुलर जारी होने से पहले न तो FPI और न ही भारत में उनके कस्टोडियन से कोई सलाह ली गई थी.
यह लिस्टेड कंपनियों के टेकओवर को अधिक जटिल बनाता है और निवेशकों को नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल करने से भी रोकता है.
SEBI: प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना होगा सात सितंबर, 2021 तक उनसे जुड़े व्यक्ति जो पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के लिए वितरक के रूप में काम कर रहे हैं.
सेबी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि एफपीआई के लिए यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि भारत में उनके सभी मौजूदा डेरिवेटिव ट्रेड प्रीफंडेड हैं.